Friday, January 9, 2015

प्रदेश में सभी 719 गेस्ट टीचर्स को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में हटाने के निर्देश

भास्कर न्यूज | चंडीगढ़/गोदबलाहा
प्रदेशमें सभी 719 गेस्ट टीचर्स को पंजाब एंड
हरियाणा हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में हटाने
के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने
हलफनामा दायर कर कहा कि 719 गेस्ट
टीचर्स में से 193 को हटाने के आदेश जारी कर
दिए गए हैं, बाकी टीचर्स को हटाने के लिए
उन्हें कुछ समय और दिया जाए। हाईकोर्ट ने
इस मामले में हरियाणा सरकार को 6 सप्ताह
का समय देते हुए सभी गेस्ट टीचर्स को हटाने
के निर्देश दिए।
प्रदेश सरकार ने गेस्ट टीचर्स
की भर्ती की थी। रेगुलर पदों पर
नियुक्तियां करने के बाद भी इन
टीचरों को हटाया नहीं गया था। इसके
बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए
इन्हें हटाने की मांग की गई थी। हाइकोर्ट ने
रेगुलर नियुक्तियों के बाद गेस्ट टीचर्स
को हटाने के निर्देश दिए थे।
वहीं, दूसरी ओर इस संबंध में हरियाणा सरकार
ने हाईकोर्ट के इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में
चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने
हरियाणा सरकार
की याचिका को खारिज कर
अध्यापकों को हटाने के हाईकोर्ट के
आदेशों को सही ठहराया था। गुरुवार
को हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में
हलफनामा देकर कहा कि गेस्ट टीचर्स
को हटाने की प्रकिया आरंभ कर दी गई है।
इस प्रकिया को पूरा करने के लिए उन्हें समय
दिया जाए। कोर्ट ने छह सप्ताह का समय देते
हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
टाल रहे हैं शिक्षा मंत्री
...तो जंतर-मंतर पर डटेंगे : अध्यापकसंघ के
कुलवीर छिलौरी का कहना है कि जब गेस्ट
टीचरों की भर्ती की गई, उस वक्त विषय
तालमेल अयोग्य यूनिवसिर्टी के संबंध में पांच
वर्ष की छूट का प्रावधान रखा गया।
राजस्थान हिमाचल में गेस्ट टीचरों के मामले
को कैबिनेट द्वारा सुलझाया जा चुका है।
फिर प्रदेश सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में
डाल रही है। यदि समय रहते शिक्षा विभाग
सरकार ने इस मामले
को नहीं सुलझाया तो सभी टीचर एकजुट
होकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
वहीं दूसरी ओर कुछ ने शिक्षा विभाग के इस
कदम को सहरानीय बताया।
जिले में सात गेस्ट अध्यापक थे, एक
नौकरी छोड़कर जा चुके हैं, निदेशालय पत्र के
मुताबिक तीन का सब्जेक्ट तालमेल नहीं होने
के कारण हटाया गया है। -संतोष तंवर,
जिलाशिक्षा अधिकारी, नारनौल
गेस्ट टीचरों को नहीं हटाए जाने पर
हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान
सचिव को दिसबंर २०१४
को अवमानना का नोटिस
भी जारी किया था। उस वक्त
शिक्षा विभाग से
पूछा गया था कि नियमित
शिक्षकों की भर्ती के बाद भी गेस्ट टीचर्स
क्यों नहीं हटाए गए। इसके बाद गेस्ट अध्यापक
मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। इसके
बाद न्यायालय की सख्ती प्रदेश सरकार से
अपेक्षाकृत समर्थन नहीं मिलने के बाद लगभग
१५ हजार गेस्ट टीचर्स अपने भविष्य को लेकर
चिंतित हैं।

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